The smart Trick of sidh kunjika That Nobody is Discussing
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
गोपनीयं प्रयत्नेन स्वयोनिरिव पार्वति।
Attract a line through the Sahasrara. On the junction where by the eyes, ears, nose and mouth unite on that axis, which is The situation of depth On this meditation.
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥
ओं अस्य श्री कुञ्जिका स्तोत्रमन्त्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ओं ऐं बीजं, ओं ह्रीं शक्तिः, ओं क्लीं कीलकम्, मम सर्वाभीष्टसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः ।
इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः
मां दुर्गा की website पूजा-पाठ में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि